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शुक्रवार, 31 मार्च 2017

दो नाग और एक हादसा -- rishav story

दो नाग और एक हादसा 

 

             मै कानपुर में अपनी मौसी के पास जा रहा हूँ । यह कानपुर में बसा ऐसा गॉव है ,जो ना तो शहर है ,और ना पुरा का पूरा गॉव । जो भी हो यह जगह मुझे रास आ रही है । हम टमटम से जा रहे है ,रास्ते पर धूल ,हमारे चेहरे पर मास्क और धीमी चाल में टकटक की आवाज में चल रहा अनूठा वाहन हमारे आनदं को दुगना कर रहा है । यहाँ लोग हमें ऐसे देख रहे है जैसे हमलोग भारत से नहीं किसी और देश से आ रहे है , ये सब शहर में नहीं होता है ,और मेरे साथ पहली बार हो रहा था ,इसलिए भी ये मेरे लिऐ एक गजब का अनुभव बन रहा है । हम बस पहुँचने ही वाले है ,अब शाम हो गयी है ,मई बोर हो गया हूँ ,और मेरा सब्र मुझसे बगाबत कर रहा है । 5 -6 घण्टे से हम एक ही जैसे महौल में देख रहे है ,और मै  शांत बिना शैतानी के बैठा हूँ  यही सब इसके कारण है । अब तो हद ही हो गई टमटम में कुछ प्रॉब्लम के कारण  हमे कुछ देर रुकना पड़ेगा । हम थोड़ा टहलने इधर -उधर हुऐ । 
                                अरे बो देखो पता नहीं वहाँ  किस चीज की भीड़ है । हम वहाँ गए और देख कर धर्मसंकट में पर गए । वहाँ दो नाग अलकतरे में फॅसे थे । बो एक दीबार थी जिस पर अलकतरा लगा था और वे भटक कर उसपर चिपक गये थे ।  वे निकलना चाहते थे पर असफल हो रहे थे और लोग इस दर से खड़े  देख रहे थे ,की अगर नागों को बचने जाते है ,तो वे गुस्से और अपने कटाने के स्वभाव के कारण काट ना ले । लोग कह रहे थे इनका क्या भरोसा ये तो शॉप है इनका सवभाव कटना है ,और ये गुस्से में भी है ,बच गए तो भी हमपर जान का खतरा है । "नहीं -नहीं इन्हें मार  जाने दो " तो कुछ लोग नहीं हमें उन्हें बचाना चाहिए "तो बचाओ ना  " मई क्यों बचाओ तुम बचाओ  ,मुझे मरने से दर लगता है । मुझे मरी जान बहुत प्यारी है । हा  तो मत बोलो । 
                    ऐसे ही बातो से माहौल भरा पर था । हमारा टमटम ठिक  हो गया हम वहाँ से चले गए । हमारा घर उस जगह से ज्यादा दूर नहीं था । मेरे सामने साँपो का चहरा आ रहा था " वो छटपटा  रहे ,थे चिल्ला रहे थे और लाचार  थे । उनकी आवाज अब भी मेरे कानो में गूँज  रही थी । मैं  उनकी मदद करना चाहता था पर मौन  था । 
दिन बीत  गया पर बो आवाज नहीं रुकी । हर बीतते  दिन के साथ बो आवाज भी बढ़ती जा रही थी । आज काफी तेज आवाज आ रही थी ।  सोने समय मैने  फैसला ले ही लिया उन्हें बचाऊगा चाहे जो हो । जब मै  उठा तो आश्चज में था आज बो आवाज नहीं आ रही थी । जब मै  वहाँ  पहुँच  तो देखा बो मर पड़े  थे । वे लगातार कोशिश के बाद जब सफल नहीं हुऐ ,तो उन्होंने सर पटक -पटक कर वही जान दे दी और खुद ही मुक्त हो गये  । उस हादसे ने मेरी यादो और मेरी  जिन्दगी  की डायरी में अपनी जगह बना ली ,जिसे मै कभी नहीं भूल सकता । मेरे  मन में बस एक सबाल  छोर गयी ,की यदि आप मरी जगह होते तो क्या  करते ?

                        क्या आप अपनी जान पर खेल कर कहानी को नया मोर देते या मेरी तरह ? चिन्ह के साथ खत्म कर देते   ?

                                 

                                                   The end

                                                                                       by rishav the new writer










शनिवार, 18 मार्च 2017

काली बिल्ली -- hindi story ,Rishav story

                                      काली बिल्ली 

Mr सेन  जिनको  जानबरों  से  बहुत लगाव था , वे आज बाजार एक नया पशु लेने  गए  है । रास्ते में  उन्हें  एक काली बिल्ली  दिखता है । वे उसे यह कह कर माना  कर देते है की बिल्लियाँ मतलबी होती है ,और कुत्ते बफादार होते है । " बिल्लियाँ  शैतान की वंशज ,अपवित्र ,और आशुभ होती है" । जब वे दुकान पहुँचते है तो अनेकों जानबर है ,और  उन्हें  कुछ पसंद भी आ रहे  है । यह  कुत्ता बहुत बड़ा है ,  बिलकुल शेर जैसा बहादुर और ताकतबर है । 

                    "Yes Sir"- only 4000 
                          Mr सेन क्या  4000 
                      हाँ  सर  - 4000 
नहीं नहीं यह  नहीं चलेगा शेर  को हम घर में  थोड़ी रखते  है , कोई  दूसरा  है तो  बोलो - Mr सेन 
           ये  देखेये  सर इस  पपी को बहुत  प्यारा है , लंदन से है। 
                      हाँ  है  तो  बहुत  प्यारा ,और  बाल  भी इसके कोमल  है । 
                            हाँ  सर - 4200 
                       क्या  200  और  ज्याद
                         क्या सर.... 
                           कुछ नही ये  तो विदेशी है , देसी है तो बोलो । 
               ठिक  है  सर आप इधर  आइये ये देखिये बिलकुल देशी कुत्ता 3280 में । 
लेकिन ये तो बहुत  पतला दुबला  है ,ये भी  नहीं चलेगा । इस प्रकार  उन्होंने कुछ और कुत्ते देखे  कुछ ऐसी  ही  प्रतिक्रिया दी , और उनकी नजर एक सुनहरी बिल्ली पर गई अरे यह बिल्ली तो  बहुत खूबसूरत है ,कौन कहता है बिल्ली बफादार  नहीं होती है  ,बहुत सारे लोग बिल्ली पालते है ।
                         हाँ  सर  बिलकुल -2800 
                            इसके भी 2800 कुछ कम बताओ यार , की उन्हें रास्ते की बो काली बिल्ली याद आती है  । 
वे कहते है ,कुछ लोग काली बिल्ली के बारे में गलत बोलते है ,अंधविश्वासी है तो मैं उनकी तरह थोड़ी हूँ ,"और वैसे भी मुफ्त का माल ठुकराना नहीं चाहिये । 
                                      अधिकारी क्या सर 
                                            कुछ नहीं "मैं  आ रहा हूँ मेरी काली बिल्ली और वे उसी रस्ते की और तेजी से दौड़ने लगे ।  आखिर ये मिल ही गई कितनी सुंदर है काली घनी  बाल , नीली आँखे  बिलकुल डायन की तरह
मासूम चहरा की किसी को भी एक ही नजर में दिवाना बना दे ,और सबसे बड़ी बात यह बिलकुल मुफ्त है । बिल्ली अब Mr सेन की आँखों का तारा बन चुकी थी । 

                                                                  1 साल बाद 

Mr सेन को बिजनस में धोखा होता है ,और उनके जीवन की कमाई का था । उनके पास कुछ सबूत था और उनके दुश्मन को उसका  डर । आज कोर्ट में आखरी फैसला है । वह तैयार होकर कोर्ट जाने लगे , की उनकी बिल्ली उनसे प्यार की चाहत में पास आई और उन्हें लगा काली बिल्ली ने रास्ता रोक लिया या रास्ता काट दिया । वे गुस्से में बिल्ली को देख कर बोले "मेने तुम्हे इतने प्यार से पाला और तुमने मुझे मेरे सबसे महवपूर्ण दिन धोखा दिया "जिस थाली में खाया उसी में छेद किया । भद्दी -भद्दी बाते बिल्ली को बोल कर निकल गऐ । 
रास्ते में कुछ गुण्डे उनसे बो सबूत छिन कर भाग गऐ ,जो बो कोर्ट में  पेश करने बाले थे । अब उन्हें ऐसा लगा  ये  उसी बिल्ली ने किया है । 
                         "मै तो बरबाद हो गया " अब कोर्ट किस मुह से जाऊ  आखिर मुझे हैरान ही तो है ,और वे घर लौट गऐ । घर पे वे देखते है काली बिल्ली टेबल पर बैठी है ,और वहां कुछ उसी तरह की फाइल है Mr सेन फाइल उठा कर देखते है , अरे ये तो वही फाइल है । अब उन्हें समझ आता है ,बिल्ली से गुस्सा होने के चक्कर में उन्होंने एक जैसी दूसरी फाइल उठा ली थी । इस प्रकार वे केस जीत जाते है । अब बे सोचते है बिल्ली ने मुझे नहीं रोक होता तो आज मैं केस हार जाता ,ये बिल्ली सचमें मेरे लिऐ lucky साबित हुई ,उन्हें गलती का अहसास होता है ,वे काली बिल्ली के पास जाते है उससे माफ़ी माँगते  है ,और उसके मासूम चहरे को देख कर रोने लगते है | 


                                                                                                 By

                                          Rishav the new writer
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